M/S. AHUJA DHABA THROUGH MR. AMRIK SINGH AHUJA Vs DELHI DEVELOPMENT AUTHORITY THROUGH ITS VICE CHAIRMAN
Bench: HON'BLE MRS. JUSTICE R. BANUMATHI, HON'BLE MR. JUSTICE R. SUBHASH REDDY
Case number: C.A. No.-001163-001163 / 2007
Diary number: 12341 / 2005
Advocates: S. K. VERMA Vs
SAHARYA & CO.
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भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ससवर्वल अपीलीय अधिकाररता
सिविल अपील ि.ं 1163/2007
म.ै आहुजा ढाबा अपीलार्थी(यों) द्र्वारा अमरीक ससिंह आहुजा
बनाम
दिल्ली वर्वकास प्राधिकरण द्र्वारा इसके उपाध्यक्ष एर्विं अन्य प्रत्यर्थी(यों)
आदेश
(1) हमने अपीलार्थी की ओर से उपस्थर्थत वर्वद्र्वान अधिर्वक्ता श्री चिंद्र
शखेर तर्था प्रततर्वािी सिं. 1 दि.वर्व.प्रा. की ओर से उपस्थर्थत वर्वद्र्वान
अधिर्वक्ता श्री वर्वष्णु बी. सहयय को सनु सलया है | हमने अधिर्वक्ताओिं
द्र्वारा दिए गए तकों पर वर्वचार ककया है तर्था आक्षेवपत तनणयय तर्था
असभलेख पर उपलब्ि अन्य तथ्यों को भी िेख सलया है |
(2) र्वािी का मकुद्िमा यह है कक र्वह खसरा सिं. 958/29 में वर्वर्वादित
सिंपवि के दहथसे पर अब भी काबबज़ है, जो कक उसके अनसुार अभी
तक तनष््ािंत सिंपवि है | श्री सहयय ने इस तकय का खिंडन ककया और
तनरे्विन ककया कक वर्वर्वादित भसूम दिल्ली वर्वकास प्राधिकरण को उसके
परू्वयर्वती दिल्ली सिुार ट्रथट द्र्वारा हथतािंतररत की गयी है | ऐसा बयान
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ककया गया है कक दि.वर्व.प्रा., दिल्ली सिुार न्यास का उिरर्वती तनकाय
होने के नाते अब वर्वर्वादित सिंपवि का थर्वामी (मासलक) है |
(3) अधिर्वक्तागण के तनरे्विन पर वर्वचार करते हुए तर्था आक्षेवपत तनणयय
र्व असभलेख पर अन्य तथ्यों को िेखत े हुए, हमें उच्च न्यायालय के
आक्षेवपत आिेश में िखल िेने की आर्वश्यकता नज़र नहीिं आती |
(4) तिनसुार अपील खाररज की जाती है |
(5) इस आपील का खाररज होना, र्वािी को उसके सलए क़ाननू के अिंतगयत
ककसी अन्य उपाय, यदि कोई उपलब्ि हो, ढूूँढने में रुकार्वट नहीिं
होगा |
(6) लिंबबत आर्वेिन, यदि कोई हो, को भी तनपटाया जाता है |
............. न्यायािीश (आर. भानमुती)
............. न्यायािीश (आर. सभुाष रेड्डी)
नई दिल्ली, 24 जनर्वरी, 2019
अथर्वीकरण: िेशी भाषा में तनणयय का अनुर्वाि मुकद्द्मेबाज़ के सीसमत प्रयोग हेतु ककया गया है ताकक र्वो अपनी भाषा में इसे समझ सकें एर्विं यह ककसी अन्य प्रयोजन हेतु प्रयोग नहीिं ककया जाएगा| समथत कायायलयी एर्विं व्यार्वहाररक प्रयोजनों हेतु तनणयय का अिंगे्रज़ी थर्वरूप ही असभप्रमाणणत माना जाएगा और कायायन्र्वयन तर्था लागू ककए जाने हेतु उसे ही र्वरीयता िी जाएगी|